मसीही सेवकाई

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स्वर्गीय क्रियाकलाप बराबर होते हैं

पूरा स्वर्ग पष्थ्वी के रहवायिों की ओर ताक रहा है। स्वयं परमेष्वर और उसके स्वर्गदूत उन्हें देख रहे है जो अपने आप को मसीही कहलाना पंसद करते हैं और निरंतर भक्ति के कार्यो को जांचते रहते है भजन तौलते है, कितने भक्ति के कार्य उन्होंने किये है। (ऑस्ट्रेलियन साइंस आफॅ द टाइम्स 22 जून 1903) ChsHin 284.2