कलीसिया के लिए परामर्श
परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए एक स्थान
जहाँ कहीं स्त्रियाँ पुरुषों की तरह सच्चाई को फैलाने में लवलीन हो सकते हैं उसका प्रकाश किया जा सकता है. वे ऐसी कठिन घड़ी में भी कार्य में शामिल हो सकती हैं और परमेश्वर उनके द्वारा भी काम करेगा. यदि वे अपने कर्तव्य का पालन करने को उत्साही होवें और परमेश्वर के आत्मा के प्रभावाधीन काम करें तो उनको इस समय की जरुरत के अनुसार शक्ति प्राप्त होगी.मुक्तिदाता इन आत्म बलिदान करने वाली स्त्रियों पर अपने मुखड़े को ज्योतिर्मय कर देगा जिससे उनको ऐसी शक्ति प्राप्त होगी जो मनुष्यों की शक्ति से प्रबल होगी. वे परिवारों में वह काम कर सकती हैं जिसे पुरुष को नहीं कर सकते.वह काम ऐसा होगा जो जीवन के भीतरी भाग तक पहुँचता है. वे लोगों के हृदय के इतना निकट पहुँच सकती हैं जहां पुरुषों को पहुँच नहीं हो सकती उनके काम को बड़ी आवश्यकता है. दूरदर्शीतम स्त्रियाँ लोगों को उनके घरों में सच्चाई को समझाने में, अच्छा कार्य कर सकती है. इस प्रकार जो परमेश्वर का वचन समझाया जाएगा वह ख़मीर कौभांति काम करेगा और उसके प्रभाव से समस्त परिवार विश्वास ले आएंगे. ककेप 58.1
हमारा काम मसीह के लिए घरों में परिवारों के साथ शुरु होना चाहिए.युवकों का शिक्षण उससे भिन्न होना चाहिए जो भूतकाल में दिया था.उनका कल्याण अधिक परिश्रम की मांग करता है.कोई दूसरा मिशनरी क्षेत्र इतना महत्व नहीं रखता.सिद्धान्त और नमूने द्वारा माता-पिता को अपने बालकों को सिखलाना चाहिए कि वे उनके लिए काम करें जिनका ह्दय अभी तक नहीं बदला है. उनकी तालीम ऐसी होनी चाहिए कि वे वृद्धों तथा दु:खियों के संग सहानुभूति दिखावें और गरीबों तथा पीड़ितों के दु:ख दूर करने की चेष्टा करें. उनको मिशनरी काम में परिश्रमी होना सिखलाना चाहिए और बचपन ही से आत्म त्याग व आत्म बलिदान की शिक्षा दूसरों को भलाई के लिए तथा मसीह के कार्य की उन्नति के लिए मन में डालनी चाहिए ताकि वे परमेश्वर के संग मिल कर काम करने वाले बनें. ककेप 58.2