कलीसिया के लिए परामर्श

199/320

पहिराव में ध्यान रखने योग्य सिद्धान्त

वस्त्रों के पहिनने का तरीका साधारणतया उन व्यक्तियों के व्यक्तित्व को प्रगट करता है अर्थात् वे किस प्रकार के स्त्री, पुरुष हैं. ककेप 238.4

हम किसी भी व्यक्ति का चरित्र उसके पहिरावे से जांच सकते हैं.एक धर्मी स्त्री सादे कपड़े पहिनेगी. उच्च विचार और सभ्य पुरुष उनके सादे कपड़ों की पसन्द से पहिचाने जाते हैं. वह स्त्री जो सादे कपड़े सादे ढंग से पहनती है अपने उच्च नैतिक पवित्र को व्यक्त करती है कितना आकर्षण और मनोहर होते हैं,सादे वस्त्र जिनकी तुलना मैदान के फूलों से की जा सकती है. ककेप 238.5

मैं अपने लोगों को सावधानी ईश्वर के सामने चलने की विनती करुंगी. वस्त्र में रीति-रिवाजों को प्रयोग वहां तक कीजिए जहाँ तक वे स्वास्थ के सिद्धान्तों से सम्बन्धित हैं. हमारी बहिनें सादे कपड़े पहिने;ऐसे वस्त्र जो अच्छे और अधिक दिन तक ठहरने वाले हैं, केवल वस्त्रों से ही उनका मस्तिष्क न भर जाय. उन्हें ऐसे कपड़े पहनना चाहिए जो लज्जारहित और संयम के अनुकूल हों.संसार के सामने,ईश्वर की कृपा और आन्तरिक सुन्दरता का जीवित उदाहरण प्रस्तुत कीजिए.यदि संसार ऐसे सुन्दर अनुकूल और स्वस्थ प्रकार के कपड़ों का प्रचलन करना है जो बाइबल के अनुकूल है और इससे हमारे ईश्वरीय सम्बन्ध में कोई बाधा नहीं पहुँचेगी तो उन्हें ग्रहण कीजिए. मसीहो मसीह का अनुकरण करेंगे और अपने पहिरावे को बाइबल के अनुसार बनायेगें.उन्हें अतिशयता का परित्याग करना चाहिए,तथा बड़ी नम्रता से सीधे मार्ग पर चलकर बिना दूसरों की प्रशंसा पाये हुए, आप ने अपने गुणों से,सत्यता से लिपटे रहना चाहिए. ककेप 238.6

अपने समय को दूसरों के मूर्ख वस्त्रों की नकल करने में व्यर्थ नष्ट न कीजिए.स्वच्छ और सादे वस्त्र धारण कीजिए परन्तु अपने आप को अधिकता से वस्त्र धारण करने में अथवा असम्भता से पहिनने के कारण दूसरों की आलोचना का लक्ष्य न बनने दीजिएं.इस प्रकार चाल चलिए मानो ईश्वर की आंख आप के ऊपर है और आपका हरेक काम या तो उसको पसंद है या नपसंद है. ककेप 239.1