मसीही सेवकाई

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अध्याय — 6
विद्यार्थियों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान प्रचार करना

शिक्षा का उद्देश्य

सच्ची शिक्षा प्रचार कार्य की ट्रेनिंग है, परमेश्वर का हर एक बेटा व बेटी उसके बुलाये हुये प्रचारक हैं। हमें परमेश्वर व लोगों के सेवक होने के लिये बुलाया गया है और इस काम के लिये योग्य बनाना ही हमारी शिक्षा का लक्ष्य होना चाहिये। ( द मिनिस्ट्री ऑफ हीलिंग- 395) ChsHin 85.1

हमारे नौजवानों को पैतान की हर परीक्षा के विरूद्ध खड़े होने के और साहसी बनाने के लिये हमने स्कूल स्थापित किये हैं जहां वे इस जीवन को उपयोगी बनाने के योग्य बने और परमेश्वर की सेवा अनन्त काल तक कर सकें। (काऊन्सिल्स टू पेरेन्ट्स टिचर्स एण्ड स्टूडेन्ट्स- 495) ChsHin 85.2

वह जो ज्ञान प्राप्त करने के लिये हर संभव कोशिश करता है और वह परमेश्वर के वचन से अन्जान तथा नाश होने वालों के लिये अपने हिस्से का काम कर परमेश्वर के महान उद्देश्य जो उसने मानव जाति के लिये बनाया पूरा कर रहा है। दूसरों को आशिश दिलाने के लिये जो निस्वार्थ सेवा करने में वह मसीही शिक्षा के उच्च आदर्श को पा रहा है। (काऊन्सिल टू द पेरेन्ट्स टिचस एण्ड स्टूडेन्ट— 545) ChsHin 85.3

प्रभु यीशु मजबूत, समर्पित, स्वयं का बलिदान करने वाले युवक व युवतियों को बुलाता है जो स्वयं आगे आयेगें और कुछ ही समय स्कूल में व्यतीत करने के बाद निकल पड़ेगे, पूरी तरह से तैयार जगत के लोगों को सुसमाचार सुनाने के लिये । (काऊन्सिल टू द पेरेन्ट्स टिचस एण्ड स्टूडेन्ट- 549) ChsHin 85.4