कलीसिया के लिए परामर्श

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सब्बत विवाद का विषय

सब्बत की प्रश्न अंतिम महान संघर्ष में जिसमें सारी दुनिया भाग लेगी विवाद का विषय होगा.मनुष्यों ने शैतान के सिद्धांतों का स्वर्गीय सिद्धान्तों की अपेक्षा अधिक मान किया है.उन्होंने खोटे सब्बत को स्वीकार किया है जिसे शैतान ने अपने अधिकार का चिन्ह मान से उच्चसीन किया है.परन्तु परमेश्वर ने अपनी छाप अपने राजकीय मांग पर लगाई है.हर सब्बत स्थान में उसे निर्माता का नाम पाया जाता है जो एक अमिट चिन्ह है जिससे प्रत्येक का अधिका प्रगट है.इस बात को लोगों को समझाने का काम हमारा है.हमें उन्हें यह दिखलाना चाहिये कि चाहे वे परमेश्वर के राज्य का चिन्ह अपने ऊपर रखें अथवा राजद्रोही के राज्य का चिन्ह यह बात मार्मिक महत्व की है क्योंकि वे अपने ऊपर रखते हैं.परमेश्वर ने हमें अपने पांव रॉदै सब्बत के झंडे को उठाने ही को बुलाया है. ककेप 340.6

जिस अभिमानी मन ने गत युगों में विश्वस्त लोगों के विरुद्ध षड़यंत्र रचा था वह अब भी कोशिश में है कि पृथ्वी पर से उन लोगों को मिटा दे जो परमेश्वर से डरते और उसकी व्यवस्था का पालन करते हैं.शैतान उस नम्र अल्प संख्यक सम्प्रदाय के विरुद्ध क्रोध भड़काएगा जो विवेकानुसार प्रचलित प्रथाओं पर परंपरागत को ग्रहण करने से इन्कार करते हैं.मर्यादा तथा ख्याति प्राप्त लोग गुंडे तथा भ्रष्ट लोगों के संग मिल जायेंगे कि परमेश्वर के लोगों के विरुद्ध सलाह मश्वरा करें. धनवान, बुद्धिमान,शिक्षित लोग उनको घृणा से ढांपने के लिये गुटबंदी करेंगे.सताने वाले शासनकर्ता अध्यक्ष तथा मंडली के सदस्यगण उनके विरुद्ध षड़यंत्र रचेंगे.प्रचार तथा लेखनी द्वारा शेखी की बातों, धमकियों तथा हंसी ठठ्ठा उड़ाने द्वारा वे उन के विश्वास को पलटने की चेष्टा करेंगे.झूठे प्रदर्शन तथा भड़कने वाली अपीलों द्वारा वे जनता के जोश को भड़काएंगे.बाइबल के अनुसार सब्बत के समर्थकों विरुद्ध ‘‘ धर्म पुस्तक यों कहती है’‘ ऐसा कोई अभियोग लगाने में असमर्थ होने पर वे उस कमी को पूरा करने के हेतु अत्याचारी नियमों का सहारा लेंगे.ख्याति व संरक्षकता प्राप्ति की खातिर व्यवस्थापक रविवार सम्बंधी नियम की मांग को स्वीकार करेंगे, परन्तु परमेश्वर का भय मानने वाले ऐसे नियम को स्वीकार नहीं कर सकते जिससे दस आज्ञा की व्यवस्था का एक नियम भंग होता है.इसी रणभूमि में सत्य व असत्य के बीच वाद विवाद का अंतिम संधर्ष लड़ा जाएगा. और परिणाम के संबंध में हम को किसी प्रकार का संदेह है ही नहीं अब भी मर्दकी के दिनों की तरह परमेश्वर अपने सत्य और अपने लोगों की रक्षा करेगा. ककेप 341.1