कलीसिया के लिए परामर्श

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मातृभाषा की उपेक्षा न हों

शिक्षा की प्रत्येक शाखा में कुछ ऐसे भी उद्देश्य हैं जो केवल औद्योगिक ज्ञान प्राप्त करने से अधिक महत्व रखते हैं.उदाहरणार्थ मातृभाषा विदेशी भाषा को,चाहे वह प्रचलित हो या अप्रचलित प्राप्त करने से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि प्रत्येक अपनी मातृभाषा को सुगमता और शुद्धता के साथ बोल तथा लिख सके;परन्तु उच्च दृष्टिकोण से देखा जाय तो कोई भी शिक्षण जो व्याकरणीय नियमों के ज्ञान द्वारा प्राप्त किया जाता है,मातृभाषा के अध्ययन से ज्यादा जरुरी नहीं है.मातृभाषा के अध्ययन के साथ अधिकांश रुप में जीवन के सूख और दु:ख बंधे हुये हैं. ककेप 269.1