कलीसिया के लिए परामर्श

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अध्याय 33 - मसीही माता-पिता

जब पिता परिवार के पुरोहित और माता’’होम मिशनरी ‘’को नाईं अपने कौटुम्बिक कर्तव्यों का पालन करें, तो घर के बाहर भी सुकार्य करने वालों की गिनती बढ़ती जावेगी.ज्यों-ज्यों अपनी सामर्थ्य में वृद्धि हो त्यों-त्यों आप मण्डली एवं पड़ोस में सेवा करने के लिए सुयोग्य बनते जावेंगे.बालकों का संगठन माता-पिता के साथ होकर परमेश्वर से हो तो माता-पिता और बालक परमेश्वर के साथ सहकर्मी होंगे. ककेप 201.1